जिन शब्दों के अर्थ में समानता होती है, उन्हें समानार्थक या पर्यायवाची शब्द कहते है।
‘चन्द्रमा’ के पर्यायवाची शब्द - हिमकर, हिमांशु, निशाकर, क्षपानाथ, चन्द्रमा, चन्द्र, निशिपति आदि है।
पर्यायवाची का संधि विच्छेद पर्याय+वाची जहा 'पर्याय' का अर्थ है- 'समान' तथा 'वाची' का अर्थ है- 'बोले जाने वाले' अर्थात जिन शब्दों का अर्थ एक जैसा होता है, उन्हें 'पर्यायवाची शब्द' कहते हैं। ‘तनय’, ‘पुत्री’ का पर्यायवाची शब्द नहीं है। ‘तनय, नंदन, सुत, बेटा, आत्मज, वत्स, तनुज आदि ‘पुत्र’ के पर्यायवाची शब्द हैं।
‘सलिल’ को छोड़कर सभी शब्द ‘कमल’ के पर्यायवाची शब्द हैं। ‘सलिल’ पानी का पर्यायवाची शब्द है। पर्यायवाची शब्द का अर्थ :ऐसे शब्द जिनके अर्थ समान हों, पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं। सलिल का पर्यायवाची - जल, वारि, नीर, तोय, अम्बु, उदक, पानी
हिन्दी भाषा में एक ही भाव तथा अर्थ को प्रकट करने के लिए अनेक शब्द है_ उन्हें ही पयार्यवाची शब्द कहते हैं। जैसे - बादल को नीरद, वारिद, जलद भी कहते हैं। अम्बुज, नीरज को ‘कमल’ "र ‘अम्बु’ का पानी पर्यायवाची है। अम्बुज - पानी से जन्मा अर्थात कलम
जिन शब्दों के अर्थ में समानता हो, उन्हें 'पर्यायवाची शब्द' कहते है। सूर्य - दिनकर, रवि, अंशुमाली,भास्कर, भानु, दिनकर, दिवाकर शब्द ‘सूर्य’ को कहते है। जब कि ‘यामिनी’ शब्द रात्रि को कहते है।