निः + गुण = निर्गुण (विसर्ग-संधि)। विसर्ग (:) के बाद स्वर या व्यंजन आने पर विसर्ग में जो विकार होता है उसे विसर्ग-संधि कहते हैं।
दो वर्णों के मेल को संधि कहते है संधि शब्द को तोड़ने को संधि विच्छेद कहते है। मनोरथ शब्द में विसर्ग संधि है - मनोरथ = मनः + रथ नियम - विसर्ग का र से मेल होने पर विसर्ग का " जाता है।